सभी को अपनी लाइफ(life) में सफल होने का एक मोका तो जरूर मिलता है लेकिन सभी सफल नहीं हो पाते क्योंकि वो अपनी सफलता के लिए पर्याप्त मेहनत नहीं करते वे समय के अनुरूप नहीं चलते कुछ लोग अपने सफलता के लिए दिन रात मेहनत करते है ओर कुछ लोग किसी व्यक्ति विशेष द्वारा सफल हो जाते है एसी ही कहानी हे जिओ (jio) के फाउंडर मुकेश अंबानी की सफलता की
जियो (jio) की सफलता का राज
धीरू भाई ने अपने बच्चो को युवावस्था के समय घर से बाहर निकाल दिया था तब जाके अनिल अंबानी ओर मुकेश अंबानी ने पैसे की कदर करना सीख लिया और समय के अनुरूप मेहनत करना सीख लिया और जब उनके पास उचित धन इकट्ठा हो गया तो अनिल अंबानी ओर मुकेश अंबानी ने अपने पिता की तरह ही सिम (sim) का बिजनेस (bussiness) सूर किया, ओर अपनी सफलता के लिए उन्होंने शुरुआती कुछ महीने तक जिओ की सिम मुफ्त में वितरित कि और साथ ही इंटरनेट भी दिया जिसकी वजह से लोगो ने जिओ की सिम लेना शुरू कर दिया ओर जब उचित मात्रा में जिओ की सिम की बिक्री हो गई तब जिओ कंपनी कि तरफ से सस्ते प्लान लोगो को दिए गए।
अपने बेटो कि सफलता को देखकर धीरूभाई ने रिलाइंस कंपनी अपने बेटो के हवाले कर दी अब अनिल अंबानी ओर मुकेश अंबानी ने अपने बिज़नेस कि सफलता के लिए सस्ते चीनी फोन 200/- रुपए में लेकर लोगो को 1500/- रुपए में वितरित किए ओर कुछ समय पश्चात पुराने मोबाइल के बदले नया जिओ मोबाईल देने का प्लान बनाया साथ ही 6 महीने का रिचार्ज भी, इससे पूरे देश में जिओ के फोन बिकने लग गए यहां तक की अब दूसरे keypad मोबाइल की बिक्री तो बिल्कुल ना के बराबर हो गई इस जिओ के फोन की एक खासियत है कि इस मोबाइल में जिओ सिम के अलावा ओर कोई दूसरी सिम नहीं लगा सकते अब जब लोगो ने जिओ फोन ले ही लिए तो उन्होंने इसके ऊपर सस्ते रिचार्ज करवाने भी सुरु कर दिए
इस तरह जिओ कंपनी एशियाई देसो की सबसे बड़ी कंपनी बन गई ओर मुकेश अंबानी भारत के सबसे धनी व्यक्ति