उज्जैन में इस वर्ष नहीं होगा कार्तिक मेले का आयोजन

उज्जैन - आगामी दिनों में दीपावली की अमावस्या के पर्व पर लगने वाले कार्तिक मेले के आयोजन को लेकर उज्जैन के अधिकारियों द्वारा बड़ा फैसला किया गया उज्जैन में कार्तिक मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा।आपको बता दे की उज्जैन के अधिकारियों ने यह कोविड़-19 के चलते लिया है, क्योंकि इस मेले से लोगो के स्वास्थ पर सीधा असर पड़ सकता था। वहीं मेले के आयोजन को मंजूरी देने वाले अधिकारियों ने कहा कि इस वर्ष कार्तिक मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा इससे संक्रमण का खतरा बढ़  सकता है, अभी उज्जैन ने हालात सुधर रहे है हम इसे पूर्व कि स्थति में नहीं लेना चाहते 

Kartik mela

कार्तिक मेले का आयोजन नहीं होने से झूला लगाने वाले ओर अपने सामान की बिक्री करने वाले कारोबारियों के जीवन पर सीधा असर पड़ेगा साथ ही लोगो को इस वर्ष हर साल की तरह कार्तिक मेले का उत्सव देखने को नहीं मिलेगा यह मेला उज्जैन की क्षिप्रा नदी के तट पर लगता है साथ ही इस मेले में सामिल होने के लिए दूर - दूर से लोग आते है। काफी ज्यादा लोग तो बॉडीबिल्डिंग (bodybuilding) का शो(show) देखने को आते है ओर कुछ मेले के अन्तर्गत आयोजित होने वाले तेजाजी महाराज का खेल देखने के लिए आते है, जिससे उन्हें मेले में घुमने साथ ही झूले में बैठने का मजा भी मिल जाता है।

हर साल कार्तिक मेले के आयोजन के लिए एक महीने पहले यानी कि अक्टूबर से तैयारियां होना सुरु हो जाती है तब जाकर नवंबर यानी कि कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मेले का आयोजन होना सुरु हो जाता है।

कार्तिक मेले को आयोजित नहीं करने से कुछ लोग नाराज है क्योंकि उन्हें हर साल की तरह इस साल भी मेले के आयोजन में सम्मिलित होना था क्योंकि  covid-19 के कारण लोग अपने घर में बंद थे,और उन्हें अपने  मनोरंजन के लिए कार्तिक मेले की आस(लगन) थी, लेकिन अब  उन्हें पता लगेगा कि उज्जैन कार्तिक मेले का आयोजन नहीं  किया जाने वाला है  तब तुम्हें बुरा लग सकता है दरअसल अधिकारियों ने मेले के आयोजन पर रोक लगा दी।

कार्तिक मेले कि कुछ खास बाते

कार्तिक मेला उज्जैन में वर्षभर में केवल एक बार ही आयोजित किया जाता है,ओर इस मेले का आयोजन कार्तिक माश की अमावस्या के दिन सुरु किया जाता है इस मेले कि तेयारी अक्टूबर से ही होना सुरु हो जाती है । तब जाकर एक माह के पश्चात मेले की संपूर्ण तेयारी कर ली जाती है, उज्जैन के आसपास के गांव के बच्चे भगवान कार्तकेय (kartik) को खुश करने के लिए कुछ दिनों पहले से ही सुबह 4 बजे उठकर एकजुट होकर स्नान करते है,ओर अमावस्या के दिन क्षिप्रा नदी में दिए छोडते है।इसी मान्यता के साथ कार्तिक मेले का आयोजन किया जाता है ओर bodybuilding कि प्रतियोगिता भी रखी जाती है जो की उज्जैन नगर पालिका द्वारा आयोजित की जाती है। 

इस वर्ष लगी है पटाको की दुकानें

Ujjain kartik mela

इस वर्ष कार्तिक मेले कि तेयारी नहीं होने के कारण क्षिप्रा नदी के तट पर पटाको के दुकानें लग चुकी है और विभिन्न तरह के पटाके मौजूद है । मिली जानकारी के मुताबिक कार्तिक मेला प्रांगण में लगी पटाको की दुकानें को अंदर दीवाली के लिए 300 तरह की वेरायटी (variety) के पटाखे मौजूद है। आपको बता दे की मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा था कि इस वर्ष दीवाली का त्योहार भी मनाया जाएगा ओर पटाखे भी फोड़े जाएंगे लेकिन चीनी पटाखे ओर भगवान के फोटो वाले पटाखे नहीं जलाए जायेगे ओर ना ही किसी कारोबारी द्वारा बेचे जाएंगे।

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